सिटी पैलेस संग्रहालय में दुर्लभ चित्रित एवं मुद्रित मानचित्रों की प्रदर्शनी

उदयपुर (Udaipur)। सिटी पैलेस संग्रहालय (City Palace Museum) रियासतकाल के दुर्लभ चित्रित एवं मुद्रित मानचित्रों ( painted and printed maps) पर प्रदर्शनी (exhibition) आयोजित की गई है। पेपर प्रोजेक्ट के तहत दी गेटी फाउण्डेशन (The Getty Foundation) के अर्थ सहयोग से मेवाड़ संग्रह के दुर्लभ इन नक्शों और कार्टोग्राफिक दस्तावेजों को सिटी पैलेस के जनाना महल में प्रस्तुत किया गया है।


संग्रहालय में आने वाले पर्यटक प्राचीन कार्टोग्राफिक प्रिंटर और चित्रकारों द्वारा तैयार किए गए नक्शों, चित्रों और उनसे संबंधित जानकारियों को समझ सकेंगे। मेवाड़ राज्य के प्राचीन स्थानों, परिदृश्यों और स्थलाकृतियों के साथ ही राजमहलों की प्रतिष्ठित वास्तुकला को भी देखा व समझा जा सकता है।
मेवाड़ राज्य का यह दुर्लभ खजाना पहली बार इस तरह दिखाया जा रहा है। दी गेटी फाउण्डेशन के अर्थ सहयोग से महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के क्यूरेटोरियल और अनुसंधान दल द्वारा 1700 के दशक की इस महत्वपूर्ण सामग्री को संग्रहित व संरक्षित कर सिटी पैलेस संग्रहालय प्रदर्शित किया जा रहा है।
इस परियोजना की सलाहकार क्यूरेटर डॉ. शैलका मिश्रा (Dr. Shailka Mishra) ने कहा कि प्रदर्शनी को विभिन्न विषयों के आधार पर क्यूरेट किया है। हमने सावधानीपूर्वक मेवाड़ के महाराणाओं के समय के मेवाड़ और ब्रिटिश चित्रकारों द्वारा तैयार कुल 53 वस्तुओं को सारणी के साथ प्रदर्शित किया है जिनमें 7 पेंटिंग, 31 मानचित्र, 1 वास्तु ड्राइंग, 12 फोटो, 1 एल्बम और 1 बहिड़ा को सविस्तार मानचित्र, परिदृश्य चित्र आदि सम्मिलित है। इस सामग्री के माध्यम से मेवाड़ की विरासतों के इतिहास को सरलता से समझा जा सकता है।


प्रदर्शनी आयोजन पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन ( Maharana Mewar Charitable Foundation) के ट्रस्टी डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ (Dr. Lakshyaraj Singh Mewar) ने कहा कि इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी के लिए मैं गेटी फाउण्डेशन और सिटी पैलेस संग्रहालय की क्यूरेटोरियल और रिसर्च टीम को हार्दिक बधाई देता हूँ। जिन्होंने मेवाड़ की इन जीवंत विरासत को संरक्षित करते हुए, इसे भारत ही नहीं वरन् विश्वस्तर पर जिज्ञासुओं, शोधकर्ताओं और दर्शकों के लिए प्रदर्शित किया है। धरोहर संरक्षण के क्रम की निरंतरता रखते हुए हम इसी प्रकार विरासतों को प्रामाणिक ज्ञान के साथ प्रस्तुत करने हेतु भविष्य में भी फाउण्डेशन का मंच प्रदान करते रहेंगे।
मेवाड़ राज्य के मानचित्रों के ऐतिहासिक दस्तावेज अमूल्य धरोहर है, जिनका रिकॉर्ड बहिड़ो, वास्तु-शिल्प चित्रों, तस्वीरों और अन्य चित्रों में देखा जा सकता है। उदयपुर राज्य के इतिहास और साहित्य पर कई लेखन कार्य भी हुए है जो जिज्ञासुओं और शोधकर्ताओं के लिए अमूल्य धरोहर के रूप में साबित हुई है। ये मानचित्र जीवंत बौद्धिक संस्कृति का ऐसा अहम हिस्सा हैं जो न केवल राजस्थान बल्कि हमारे देश की प्राचीन कला संस्कृति के प्रतीक हैं। यह मानचित्र प्रदर्शनी हमारी दो शताब्दियों के राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर भी प्रकाश डालती है, जिससे रियासतकाल की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं को भी समझा जा सकता है। प्रदर्शनी का नवीन शोध की प्रेरक है। 18वीं से 20वीं शताब्दी के मेवाड़ राजवंश के दरबारी कलाकारों द्वारा बनाये गये भवनों और उसके भू-भाग का चित्र (ड्राइंग मेप) और प्रिंट मेप का संग्रह अद्वितीय है।

Related posts:

दो दिवसीय संगोष्ठी एवं कला सृजन कार्यशाला शुरू

पीआईएमएस में दस माह के शिशु के दिल के छेद का सफल ऑपरेशन

नवाचार पहलों के साथ हिंदुस्तान जिंक सस्टेनेबिलिटी की ओर निरन्तर अग्रसर

उदयपुर में शुरू हुआ 25वां राष्ट्रीय दिव्य कला मेल

प्रॉम्प्ट ग्रुप ने दुध को तुरंत ठंडा करने में उपयोगी आधुनिक सोलर मिल्कोचिल का अनावरण किया

एमकेएम फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में दून स्टार एफसी, देहरादून ने एस.टी.एफ.सी, कश्मीर को हरा कर जीता...

भगवान बिरसा मुंडा जयंती एवं जनजातीय गौरव दिवस: दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू

हिन्दुस्तान जिंक प्रतिष्ठित एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक में शीर्ष 5 प्रतिशत में शामिल

Banasthali Vidyapith Girls explore Study Abroad opportunities by attending a seminar on"Chase your D...

ExxonMobil’s next generation Mobil 1TMengine oil delivers championship winning performance

सजल नयनों से विदा हुईं 51 बेटियां, 102 परिवारों के घर सजी खुशियों की डोली

अणुव्रत अमृत महोत्सव पर इको फ्रेंडली फेस्टिवल कार्यक्रम आयोजित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *